अपने गुरु को ‘चूका हुआ तीर’ बताने और जन विश्वास जीतने निकल पड़े तेजस्वी! अब 33 जिलों का दौरा

पटना. प्रगति के नये सूर्योदय के लिए, बिहार के भरोसे की रक्षा के लिए, विकास और निवेश के नए अध्याय लिखने के लिए, एक नया विकास और एक नया विश्वास… इन्हीं शब्दों को आधार बनाते हुए बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव जन विश्वास यात्रा के क्रम में 20 फरवरी से 1 मार्च तक पूरे बिहार का दौरा करेंगे. अब 32 से बढ़कर 33 जिलों में जन विश्वास कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसकी शुरुआत मुजफ्फरपुर से होगी. कहा जा रहा है कि तेजस्वी कुछ कुछ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फॉलो करते हुए दिख रहे हैं. राजनीति के जानकार कहते हैं कि अब तेजस्वी यादव भी अपनी इसी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन उनके निशाने पर भी नीतीश कुमार ही रहेंगे.

राजनीति के जानकार बताते हैं कि तेजस्वी यादव कई बार नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक गुरु बता चुके हैं. कई मामलों में वह उनको फॉलो भी करते देखे-समझे जा सकते हैं. इस बार चर्चा उनकी जन विश्वास यात्रा की हो रही है. नीतीश कुमार अपने सियासी करियर में 14 यात्रा निकाल चुके हैं. जानकार कहते हैं कि तेजस्वी ने यात्रा की राजनीति भी नीतीश कुमार से सीखी है. दरअसल, तेजस्वी अपनी इस यात्रा के क्रम में सरकार से अलग होने के बाद नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा कम खोलेंगे, बल्कि अपनी सरकार के 17 महीनों की उपलब्धियों के बारे में अधिक बताएंगे.

तेजस्वी यादव की सियासी चाहत की झलक
तेजस्वी यादव ने अपनी यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले 19 फरवरी को फेसबुक चौपाल नाम से अपना एक कार्यक्रम में अपना संबोधन दिया. तेजस्वी यादव ने कहा कि 17 महीने की सरकार में हम अपनी क्षमता का 10 प्रतिशत ही काम किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कामकाज का कोई विजन नहीं है और वे पुराने ख्याल के हैं. उनसे बिहार चलने वाला नहीं है, इसलिए उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार शर्मा कहते हैं कि तेजस्वी नीतीश पर अटैकिंग नहीं है, लेकिन तेजस्वी की बातों से स्पष्ट है कि नीतीश कुमार को टारगेट करना उनका मकसद नहीं, बल्कि उनका विकल्प बनने की चाहत अधिक झलकती है.

तेजस्वी यादव ने इन शब्दों से ‘गुरु’ को टारगेट किया
अपने इसी संबोधन में तेजस्वी ने कहा कि जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी है और यही नीतीश कुमार के दुख का बड़ा कारण है. नीतीश कुमार विधानसभा को भंग करना चाहते थे, ताकि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ करवाकर अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहते थे, लेकिन बिहार की जनता उनको जान चुकी है. तेजस्वी ने कहा कि मुझे पद का कोई लालच नहीं है. मैं युवाओं को नौकरी दिलाने की लड़ाई लड़ता रहूंगा. आप सभी जन विश्वास यात्रा में साथ आइए. हमें छल-प्रपंच करके सत्ता से बाहर किया गया. 10 वर्षों में नीतीश कुमार ने इतनी बार सत्ता बदली है, जिससे बिहार में स्थिरता नहीं रही. विकास के लिए स्थिरता जरूरी है.

तेजस्वी ने युवाओं को नौकरी की उपलब्धि अपने नाम की!
तेजस्वी ने आगे कहा बिहार लोकतंत्र की जननी रही है, लेकिन उनके बार-बार पाला बदलने से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. वे 17 वर्षों में जो काम वह नहीं कर पाए, वह हम 17 महीने में कर दिखाया. मैंने ही बिहार में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात की थी. 2020 में हमने इसका प्रण लिया था, तब नीतीश कुमार ने कहा था कि वेतन कहां से आएगा, आसमान से आएगा? लेकिन उसी मुख्यमंत्री से हम लोगों ने नियुक्ति पत्र बंटवाया. पांच लाख के आसपास बहाली निकाली.

तेजस्वी खुद को बिहार का भविष्य बताने में लगे
फेसबुक लाइव में तेजस्वी ने कहा कि बिहार बजट को हमारे ही तत्कालीन मंत्रियों ने तैयार किया था. स्वास्थ्य विभाग हमारे जिम्मे था. उसमें मैंने पब्लिक हेल्थ कैडर बनाया. एक लाख 30 हजार रोजगार सृजित किया. इस फाइल को कैबिनेट में आने नहीं दिया गया. मेरा कहना है कि नौकरी देने का सिलसिला हम लोगों ने शुरू किया था, वह जारी रहना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा कहते हैं कि तेजस्वी साफ बता रहे हैं कि वह अपने चाचा नीतीश कुमार को चूका हुआ तीर बताने में लगे हैं और बिहार में युवाओं की उनको चिंता है. वही आने वाले समय में बिहार के भविष्य हैं.

जन विश्वास कार्यक्रम में बदलाव
बता दें कि तेजस्वी यादव के कार्यक्रम में संशोधन किया गया है. पहले जहां 32 जिलों में कार्यक्रम थे उसे बढ़ाकर अब 33 जिला कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि 23 फरवरी को सासाराम में आम सभा की जगह अब रोहतास के दिनारा में आम सभा की जाएगी. वहीं 29 फरवरी को कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में और भागलपुर के शाहगंजी मेला मैदान नाथनगर में जन विश्वास कार्यक्रम में आम सभा को संबोधित करके तेजस्वी का रात्रि विश्राम बांका में होगा. 1 मार्च 2024 को बांका के बेलहर मुख्यालय जमुई के श्रीकृष्णा स्टेडियम के और लखीसराय में कार्यक्रम करते हुए तेजस्वी पटना वापस आ जाएंगे.

नीतीश कुमार की यात्राओं की डिटेल
बता दें कि अभी तक नीतीश कुमार न्याय यात्रा (2005), विकास यात्रा (जनवरी 2009), धन्यवाद यात्रा (जून 2009), प्रवास यात्रा (दिसंबर 2009), विश्वास यात्रा ( अप्रैल 2010) सेवा यात्रा (नवंबर 2011), अधिकार यात्रा (सितंबर 2012), संकल्प यात्रा, (2014), संपर्क यात्रा (2014), निश्चय यात्रा( 2016), समीक्षा यात्रा (2017), जल-जीवन-हरियाली यात्रा (2019), समाज सुधार यात्रा (2021), समाधान यात्रा(2023) जैसी कई यात्राएं निकाल चुके हैं. इस दौरान उनका फोकस केवल अपनी सरकार की उपलब्धियों के जरिये जन संवाद स्थापित करना रहा है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Tejaswi yadav

Source link

Digital Griot
marketmystique