इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश कुमार की 12 जनवरी 2021 को अपने अपार्टमेंट के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । मामला हाई प्रोफाइल हो गया ,काफी तुल पकड़ता देख प्रशासन भी हरकत में आई। प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी स्टोरी और आरोपी को मीडिया के से पेश किया गया । लेकिन अदालत में निकला पुलिस के खोखला डब्बा। आइए विस्तार से बताएं की आखिर ऐसा क्या हुआ की पुलिस की करवाही पर सवाल खड़ा हो गया ।।
पटना के अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार ने बुधवार को इस मामले में अहम फैसला दिया । उन्होंने साक्ष्यों के अभाव में जेल में बंद आरोपियों को तुरंत रिहा करने सहित सभी 4 आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए।
अब आपको विस्तार से बताते हैं पुलिस से कहां कहां चूक हुई :
1.जिस 9 फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान का दावा किया गया उस फुटेज में आरोपियों की पहचान संभव नहीं हो सकी ।
2. जब्ती सूची जिस पिस्टल को 15 इंच वाला अमेरिकी पिस्टल बताया गया एफएसएल में वह असल में 19 इंच का देसी माल निकला ।
3. कोर्ट के आदेश पर दो डब्बा में जब्ती हथियार एवम गोली को FSL भेजा गया लेकिन वहां केवल एक डब्बा निकला ।।
4. पुलिस ने साक्ष्य और पहचान के तौर पर जो CDR, मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज पेश किया उसका न तो किसी को गवाह बनाया गया और न ही आवश्यक इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी साक्ष्य अधिनियम 65 B के तहत किसी सर्विस प्रोवाइडर का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया ।।
आपको बताते चलें की ढुलमुल रवैया और अधूरे होमवर्क का असर कहिए या गलत आदमी को आरोपी बनाना कहिए अब सत्य ढूंढना असंभव सा हो गया है । पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों ऋतुराज शर्मा , सौरव कुमार , जयशंकर और आर्यन जायसवाल के खिलाफ चार्जशीट दायर किया जिसमे ऋतुराज शर्मा और सौरव कुमार जेल में बंद है जिसे तत्काल रिहा करने के आदेश दिए गए हैं जबकि जमानत पर चल रहे जयशंकर और आर्यन जायसवाल को इस हत्याकांड से मुक्त कर दिया गया ।।
यक्ष प्रश्न है आखिर किसने मारा रूपेश को ,जवाब मिलेगा आइदर सिस्टम और नो वन किल्ड रूपेश शर्मा।।