खुशबू नाम की लड़की कोलकाता में नौकरी करती थी वाहा उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई वो भी बिहार के जमुई जिले का था उसका नाम पंकज था वो भी कोलकाता में जॉब करता था खुशबू और पंकज के बीच दोस्ती हुई वो दोनो एक दूसरे के साथ वख्त बिताने लागे ये दोस्ती प्यार में बदली वो दोनो रिलेशन में आए 4 साल तक उन दोनो का रिलेशन चला इस दौरान खुशबू गर्भवती हो गई ये बात खुशबू के घर वालो को पता चला तो उसके घर वालो ने उसकी शादी कहीं और कर दी खुशबू की शादी राकेश नाम के लड़के से हुई खुशबू ने शादी तो कर ली लेकिन वो कभी पंकज को भूला नहीं पाई वो अपने पति राकेश के साथ खुस नही थी ये सब देख के जब राकेश ने उससे पूछा की तुम मेरे साथ नही रहना चाहती हो तो खुशबू ने कहा नही मैं आपके साथ खुस नही हु मुझे नही रहना है तो आपसी सहमति से वो दोनो कानूनी तौर पे अलग हो गए उसी दौरान खुशबू को एक बेटी हुई तो उसके पति राकेश ने बेटी को रखने की मांग की तो खुशबू भी मान गईं उसके बाद वो अपने पति से अलग हो गई।
- फिर वो पंकज के पास गई तो पंकज ने भी उसे अपनाया और उससे शादी की फिर वो दोनो बिहार आके एक दूसरे के साथ रहने लगे खुशबू दुबारा गर्वाती हुई वो 4 महीने ही गर्वाती थी सब ठीक चल रहा था पंकज रोज की तरह काम पे गया और खुशबू घर में रह के उसका इंतजार कर रही थी लेकिन जब पंकज टाइम पे घर नही आता तो खुशबू को चिंता हुई वो वहा पहुंची जहां पंकज काम करता था लेकिन पंकज वहा भी नही था वाहा जाने के बाद पता चाला की वो तो जल्दी निकल गया है घर के लिए और उसका फोन भी बंद बता राहा था।उसके बाद वो अपने नजदीकी थाने में गई लेकिन 2….4 दिन थाने के चक्कर लगाने के बाद भी जब उस कोई मदद नहीं मिल पाई तो उसने उसके गांव जाके भी पता करने की कोशिश की लेकिन पंकज के घर वालो ने भी उसे मार पीट के भागा दिया फिर वो थक हार के अपने घर चली गई फिर उसे हमारे संस्था के बारे में पता चाला फिर वो हमारे पास आई फिर उसने अपनी सारी परेशानी हमसे बताई Neeraj sir Rajni mam और उनके टीम ने हर नामुमकिन प्रयास किया उसे उसके ससुराल ले गई उसके सास ससुर को समझाया खुशबू और उसके होने वाले बच्चे को उसका हक दिलवाने के लिए हर नामुमकिन प्रयास करती रही और आखिर कार खुशबू को उसका हक मिला उसे पूरे इज्जत के साथ उसके ससुराल में रखवाया गया और उसका हक दिलवाया गया…..हमारी संस्था मानवाधिकार एव महिला शासक्तिकारण में कभी भी किसी निर्दोष के साथ कुछ गलत नहीं होने दिया जाता हमारी पूरी कोशिश होती ह की पीड़िता को उसका हक मिले।