Indian Railway: सुपरफास्ट का दर्जा खो देंगी बिहार से गुजरनेवाली कई ट्रेनें, टाइम टेबुल में भी होगा बदलाव

पूर्व मध्य रेलवे की आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों से सुपरफास्ट का दर्जा छीना जा सकता है. ऐसा इन ट्रेनों की कम हुई गति और बढ़े स्टॉपेजके कारण किया जा रहा है. यही दो कारण हैं जिनके कारण इन ट्रेनों के सुपरफास्ट ट्रेन के दर्जा पर खतरा मंडरा रहा है. हालंकि इस फैसले से यात्रियों को भी आंशिक लाभ मिलेगा. उन्हें दर्जा छिनने के बाद सुपरफास्ट का शुल्क नहीं देना होगा. इसको लेकर रेलवे बोर्ड मंथन करने में जुटा है. इनमें से कई ट्रेनें बिहार के विभिन्न स्टेशनों से होकर गुजरती हैं.जनवरी 2025 में रेलवे की नयी समय सारणी जारी हो सकती है. इसमें इनसे सुपरफास्ट का दर्जा छिना जाएगा. अबतक रेलवे की ओर से जून और अक्टूबर में ट्रेनों की समय सारणी में बदलाव होता था. लेकिन, 2024 में ऐसा नहीं हुआ. अब रेलवे बोर्ड 2025 में समय सारणी बदलाव करने की तैयारी में है. नवंबर 2024 में ही रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन और फिर मंडल से ट्रेनों के समय और ठहराव को लेकर पूरा जानकारी मांगी थी, जिसे मंडल और जोन ने रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दिया है.रेलवे का मानक है कि सुपरफास्ट ट्रेनों का परिचालन न्यूनतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से होता है. लेकिन, स्टॉपेज बढ़ाने से यह रफ्तार 70-75 किमी प्रति घंटे तक सिमट गयी है. इस वजह से ट्रेनों से सुपरफास्ट का दर्जा छिन जाने का खतरा बढ़ गया है. मुजफ्फरपुर से सप्तक्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली और स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती है. इनमें से दो पर सुपरफास्ट का दर्जा छिनने का खतरा मंडरा रहा है.

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