अध्ययन के दौरान एक अकेली गलती भी अभ्यर्थी को अधिकारी बनने से रोक सकती है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा एक लम्बी प्रक्रिया में संपन्न होती है। इसमें किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि परीक्षा को कम समय में उत्तीर्ण किया जा सके। आज का लेख उन गलतियों पर केन्द्रित है, जो अभ्यर्थियों से प्रायः हो जाती हैं। इन गलतियों को उजागर किया है; देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के CEO श्री शिवेश मिश्रा सर ने।
शिवेश सर UPSC सिविल सेवा के अध्यापन क्षेत्र से लगभग दो दशक से जुड़े हुए हैं। सर उन खामियों को बखूबी समझते हैं, जो अभ्यर्थियों से प्रायः हो जाती हैं। ऐसी गलतियाँ छात्रों से न होने पाएं इसके लिए सर ने संस्कृति IAS में रहकर अनेक नवाचार भी किए हैं। वर्तमान में सर संस्कृति IAS के CEO हैं। यह संस्था दिल्ली के मुख़र्जीनगर से संचालित हो रही है, जिसकी एक शाखा प्रयागराज में भी है।
चर्चा में सर से प्रश्न था कि IAS की तैयारी कर रहे छात्रों को किन गलतियों से बचना चाहिए?
सर कहते हैं कि UPSC की परीक्षा संतुलन एवं सामंजस्य की परीक्षा है। बहुविषयक और बहुचरणीय परीक्षा होने के कारण अभ्यर्थियों से गलतियाँ होने की सम्भावना बनी रहती है। अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी में कई दृष्टिकोण रखने होते हैं; जैसे- विषय विशेष का अध्ययन बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिहाज से करना, वही विषय को लिखित या मौखिक परीक्षा के लिहाज से तैयार करना। अभ्यर्थियों से गलतियाँ यहीं से शुरू हो जाती हैं। कुछ और गलतियों का जिक्र नीचे किया गया है-
- बिना पाठ्यक्रम देखे अध्ययन शुरु कर देना
- अध्ययन की शुरुआत NCERT के बजाय प्रामाणिक पुस्तकों से करना
- विषय को प्रश्नों के अभ्यास के बिना सिर्फ पढ़ते जाना
- पढ़े हुए विषय को न दोहराना
- ज्ञान के बावजूद लेखन अभ्यास न करना
- शार्ट नोट्स न बनाना
- भाषा और लेखन शैली पर कार्य न करना
- परम्परागत ज्ञान तक सीमित रहना
- अध्ययन सामग्री अपडेट न करना
- अध्ययन का मूल्यांकन न करना
- कुछ विषयों को नज़रअंदाज कर विषय विशेष में विशेषज्ञता केन्द्रित होना; आदि
सर द्वारा सुझाई गई बारीक खामियां अभ्यर्थी की तैयारी को परिपक्व करेंगी। वह अभ्यर्थी जो इन गलतियों को पहचान कर सुधार करते रहते हैं; उनके सफल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।